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इतना तो जानता हूँ कि अब तेरी आरज़ू बेकार कर रहाँ हूँ, अगर कर रहा हूँ मैं..!!!
आरजू यह है कि उनको हर नज़र देखा करें, वही मेरे सामने हो हम जिधर देखा करें, एक तरफ हो सारी दुनिया एक तरफ सूरत उनकी, हम उसे दुनिया से होकर बेखबर देखा करें..
अरमान तो बहुत मचलते हैं दिल में " कि तुमसे मिलेंगे तो ये करेंगे वो कहेंगे, मगर जब दीदार होता हैं तुम्हारा तो सब भूल जाते हैं "..!!!